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— जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा हस्तीमलजी म. का समाधिमंदिर बना है । - सांडेराव (राजस्थान) में श्री कन्हैयालालजी कमल का
अस्थिकुंभ है। - आगरा में श्री रतनचंद्रजी तथा श्री पृथ्वीचंद्रजी म. की समाधि
___ - नई दिल्ली में श्री सुशीलमुनिजी का समाधि स्थल. - इन सभी स्थानों मे उनके दर्शन-वंदनार्थ हज़ारों भविक जाते है । छद्मस्थ - जिनमंदिर-जिनमूर्ति विरोधी इन स्थानकवासी संतों के समाधिमंदिरमूर्तियां बनती हैं तो फिर जिन-वीतराग-तीर्थकर के मंदिर व मूर्ति का ही विरोध क्यों ?
कुतर्क : जिनमंदिर व जिनमूर्ति में हिंसा है इसलिए विरोध है ।
उत्तर : क्या इन समाधिमंदिर, मूर्ति, पगल्या, चबूतरा, छत्री निर्माण में हिंसा नहीं है ? ___यदि "जहाँ हिंसा वहाँ जिनाज्ञा नहीं है, वहाँ धर्म नहीं है" ऐसा आप कहेंगेतो फिर (१) ये समाधि मंदिर क्यों निर्माण करवाये ? (२) अपनी फोटो-तस्वीर-लोकेट छपवाते-बँटवाते हो- इसमें
भी अग्निकाय, अप्काय व त्रसकाय की हिंसा है । (३) किताब-पुस्तक क्यों छपवाते हो ? उसमें भी हिंसा है। (४) बस आदि द्वारा गुरुवंदन को क्यों जाते हो ? उसमें भी
हिंसा है। (५) साधर्मिक भोजन - गौतमप्रसादी-दया-चौमासा में
चौका-रसोडा क्यों करवाते हो ? उसमें भी आरंभ
समारंभ व हिंसा है। (६) गुरु को गरम-गरम पानी-चाय-दूध व भोजन क्यों बहेराते
हो ? इसमें भी अप्काय आदि जीवों की विराधना है ।
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