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जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा परिशिष्ठ-२
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शापहेलीतरकरारज्जुकीकहतेहोसासूत्रकेमूलपाठमें कहा है? २६ नसरीनर कसेंएक एकरनुकीरहिकारती एसा कहते सार)
सत्रके मूलपाळमें कहा कहो?--- पासपूर्तपदवीधार" (३२) सूत्रके मूलपाहमें कहा है ?........... पर मिरगातार असंरत्यातादिक गिणती करम विनारसमजानेके वास्ते
कल्पना रूपसदिखायाऊवा-सलाका प्रतिसलाकामा सलाका अगस्तित(४)श्नचार प्यालकाअधिकार(३)
सलके मूल पाठ में कहर-------- जसर्वनारकीयांके पॉश, अंतरे, लालगाएंना स्विति, आदि का
लाधिकार रामनके मूलपाने का है रासीझनाधार वकालरासनके मूलयाऽमें कहा?
निरकका)परतलाशतररसूत्रके मूलपा करहेका और दिनलोककी पडतला उसलके मूलपाछमें कहा
.
१७२ जो पाचनविदेहविचरते हैं, और आपलोगनिनों की आज्ञाको मुख्यपररवके प्रतिक्रमणादिसक्रियाकर हो उनवीस
रमानों का सविस्तर अधिकार व स्त्र के मूलपाने काही "१७३ तीर्थकरोंकीपैंतीसवाणीजदीदी करतेो सोर) सूत्रके ,
मूलगामें कहा है ? ডালপালকগু’কটক্যংহাসপদক
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