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जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा परिशिष्ठ-२
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रघरीचंद गुप्त राजाकुंआयेऊयेसोला स्वन्न,और उनके फल का अधिक
कार(३२) सूत्रके मूलयामें कहा है ------.. वनसाती सुलशजी किसकी बेटी और कह किसके साथ व्याही,
निया में सतीपाकीतसिक्कुिंकैसें प्राप्तनई यह सर्वअधिका गौर (३२० सून के मूलगामें कराए---------------- रपायला कल्याणकेवास्हे-हमेशां प्रातःकाल में स्मरण करते हो
उससोले सतीय के नाम ओरजनों का आश्चर्यजनक
सपूर्णचरित्र(३)सूत्रके मूलपाठ काट छह विष्णुकुमारकाचरित्र(सूत्रके मूलपाहमें कहा? trug एकनायरिसाध्वी महाविदेहसें मुरुपतिलेआ ऐसा करते
सो (२) सूत्रके मूलपाने कहां दिगंबर मत किसतसे कलनिकला संकाननिकिस तुमे
रामान्य शास्त्रमेहेबोध पाच आरेका जोजवा जैसालाकार कहतेफोमा(रासूत्र
कि पूलवामें कहा है११५० पांचवें भारे में सोसो वा महिलेका मायुष्यघटे ऐसा
करतेहो सो (३२)सूलाके मूलगामें कही ? सरमा पानवे नारे लगातेर वर्षका आयुष्या कहतेो सो इस
नके मूलपाठने कहा है पर पात्र मारेके डे सह साध रहगो ऐमा कहते हो मी रसूत्रकेन्मूलकाचोकहारे एक
mamalnvaram
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