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________________ २५८ १२ भृगुपुरोदितनें अपने बेटे को बहकाया ऐसा कहते हो सो (३२) सूत्र के मूल पाठ में कहाहै? १२३ कर्मयोगसें वेश्या के घर में रह करनी दिनप्रति देश देश जनकों प्रति वी.रू.. बोधुकरने वालों नंदिषेलका सविस्तर अधिकार (३२) सूत्र के मूलया हमें कहा है? १३४ स्वधक मुनि की खाल उतार कहतेहो सो (३२) सूत्र के मू लिपाठ में कराहे? 57 परिशिष्ठ - २ जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा कमुनिके(४०९)चेले घाली में पीले' ऐसा कहते हो. सो(३२) सूत्र के मूलपाठ में कट १३६ श्ररणकमुनिका अधिकार(३२) सूत्र के मूलपाठ में कहां है? १२७ आषादन्नु तिमुनिकाअधिकार (३२)सूत्रके मूलका घमें कहां है? ८ नटलीवाला आषाढभूति का अधिकार (३२) सूत्रके पूज पाहते कहाँ है ? तुए श्री सुदर्शन सेठ तथा अनयारालीका अधिकार (३२) सूत्र के मुलया में कहाँ है? १४० एक नवमे (१८) नाते ऊये तिसकी कथा कहते हो सो (३२) सू त्रकेमूलपाठ में कहाहै? जीर एमर हरकेशी मुनिके पूर्वज वादक का अधिकार (३२) सूत्र के मूल पाइमेक क है? दृढपणे शीलमानने वाले विजयशेठ विजया से डाली का वि स्तारकाला चस्त्रि (३२) सूत्रके मूल पाठ में कहाँ है? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004077
Book TitleJainagam Siddh Murtipuja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherChandroday Parivar
Publication Year2014
Total Pages352
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size10 MB
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