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— जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा अनेकानेक पंडितो के अभिप्राय बेचरदासजी से विपरीत हैं । उनको क्यों नहीं बताते ?
__ जैनागमों में मूर्तिपूजा को पाप कहीं पर भी नहीं बताया उसे जिनाज्ञा विरूद्ध बताना ही उत्सूत्र प्ररूपणा रूप महापाप हैं । इस भयंकर पाप से दूर रहकर आगमानुसार आत्मकल्याण साधना में और इसी का प्रचार करने में जीवन बिताना ही सच्चे साधक का कार्य है । '
धन लक्ष्मी
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