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· जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा धर्मसूरिजी से सद्बोध प्राप्त करने पर अज्ञान दूर हुआ और आखिरी सत्य अभिप्राय दिया। सम्यक ज्ञान के प्रकाश से अनेक विभूतियों ने मूर्ति-विरोधी मिथ्यात्व को तिलांजलि देकर प्रभु वीर की अक्षुण्ण सत्यनिष्ठ परम्परा को ग्रहण किया है, कर रहे हैं जिसकी सभी को अनुमोदना करनी चाहिए ।
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