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________________ ४२ - गुरुमूर्ति / पादुका को ५ अभिषेक करते समय बुलवाई जाती बोलियाँ १ - गुरुमूर्ति / पादुका का प्रथम अभिषेक करने की २ - गुरुमूर्ति / पादुका का द्वितीय अभिषेक करने की ३ - गुरुमूर्ति / पादुका का तृतीय अभिषेक करने की - ४ - गुरुमूर्ति / पादुका का चतुर्थ अभिषेक करने की ५ - गुरुमूर्ति/पादुका का पंचम अभिषेक करने की ६ - गुरुमूर्ति की अष्टप्रकारी पूजा करने की नोंध : उपरोक्त सभी राशि गुरुमंदिर गुरुमूर्ति-पादुका जीर्णोद्धार / नवनिर्माण खाते में है । इसके अलावा जिनमंदिर जीर्णोद्धार - नवनिर्माण में भी ले जा सकते हैं । ४२ ४३ - सिद्धचक्र आदि पूजन प्रसंग पर - बुलवाई जाती बोलियाँ परमात्मा की भक्ति हेतु जो भी पूजा - पूजन जिनमंदिर में या अन्यत्र कहीं भी पढ़ाए हों उन पूजा-पूजनों में बुलवाई गईं सभी बोलियाँ प्रभुनिमित्तक ही होने से उनकी आय 'देवद्रव्य' में ही ले जानी चाहिए । इस आय में से उन पूजा - पूजन का कोई भी खर्चा नहीं किया जा सकता । Jain Education International गुरुमंदिरादि गुरुमंदिरादि गुरुमंदिरादि गुरुमंदिरादि मंदिरा गुरुमंदिरादि धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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