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________________ ४१ - प्रभुजी को १८ अभिषेक करते समय बुलवाई जाती बोलियाँ किस खाते में ? बोली १ - मूलनायक भगवान आदि जितने भी भगवान हों उन्हें १८ बार अभिषेक करने की देवद्रव्य २ - स्नात्र के सिंहासन में बिराजित प्रभु को १८ बार अभिषेक करने की देवद्रव्य ३ - पेढा, श्रीफल, रुपया थाली में लेकर १८ बार प्रभु के सामने खड़े रहने की देवद्रव्य ४ - प्रभु को चंद्र दर्शन करवाने की देवद्रव्य ५ - प्रभु को सूर्य दर्शन करवाने की । देवद्रव्य ६ - प्रभु को घी का अभिषेक करने की देवद्रव्य ७ - प्रभु को दूध का अभिषेक करने की देवद्रव्य ८ - प्रभु को दही का अभिषेक करने की देवद्रव्य ९ - प्रभु को ईक्षुरस का अभिषेक करने की देवद्रव्य १० - प्रभु को सर्वोषधि जल का अभिषेक करने की देवद्रव्य ११ - प्रभु की अष्टप्रकारी पूजा करने की देवद्रव्य १२ - १०८ दीपकों की आरती करने की देवद्रव्य १३ - मंगल दीपक करने की देवद्रव्य १४ - शांतिकलश करने की देवद्रव्य नोंध : उपरोक्त सभी राशि देवद्रव्य में ही जाती है । इस राशि में से पूजन का कोई भी खर्चा नहीं किया जा सकता । | धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? ४१ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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