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________________ बोली ज्ञानखाता ज्ञानखाता ज्ञानखाता ज्ञानखाता ज्ञानखाता ३७- सूत्र-ग्रंथ वाचन प्रसंग पर बुलवाई जाती बोलियाँ किस खाते में ? १ - श्री कल्पसूत्र-बारसासूत्र आदि धर्मग्रंथ पूज्यों को बहोराने की ज्ञानखाता २ - श्री कल्पसूत्र आदि धर्मग्रंथ श्रीसंघ को सुनाने हेतु पूज्यों को विनंती करने की ३ - ज्ञान की पाँच वासक्षेप पूजा ४ -ज्ञान की अष्टप्रकारी पूजा ५ - ज्ञान को वरघोड़ा निकालकर घुमाने की ६ - चित्रदर्शन करवाने की ७ -ज्ञानपूजन-ग्रंथ/पुस्तक पर चढ़ाया द्रव्य ज्ञानखाता ८ - ज्ञानदाता गुरु भगवंत का पूजन करने की देवद्रव्य नोंध : ज्ञानखाते का द्रव्य प्राचीन आगमादि संस्कृत-प्राकृत धर्मग्रंथों को ताड़पत्र या टिकाऊ कागज पर लिखवाने हेतु, संरक्षणार्थ छपवाने हेतु इस्तेमाल करना चाहिए । पर प्रवचन, विवेचन साहित्य जैसा हिंदी-गुजराती आदि भाषाकीय साहित्य छपवाने में काम न लें । ३८ - जिनमंदिर शिलास्थापन प्रसंग की बोलियाँ बोली किस खाते में ? १ - नवग्रह पट्टक पूजन करने की देवद्रव्य २ - दश दिक्पालपट्टक पूजन करने की देवद्रव्य ३ - अष्टमंगलपट्टक पूजन करने की । ४ - अग्निकोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य ५ - दक्षिण कोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य ६ - नैऋत्य कोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य ७ - पश्चिम कोण की शिला स्थापित करने की ८ - वायव्य कोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य ९ - उत्तर कोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य | धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? देवद्रव्य देवद्रव्य ३७ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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