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________________ देवद्रव्य देवद्रव्य १० - ईशान कोण की शिला स्थापित करने को . ११ - पूर्वी कोण की शिला स्थापित करने की देवद्रव्य १२ - मध्य में मुख्य कुर्म शिला स्थापित करने को देवद्रव्य १३ - आरती देवद्रव्य १४ - मंगल दीया देवद्रव्य १५ - शांतिकलश देवद्रव्य १६ - पू. गुरुभगवंत का गुरुपूजन करने की उपरोक्त सभी राशि देवद्रव्य में जाती है । उसमें से प्रसंग का कोई खर्चा नहीं किया जा सकता। नोंध : उपाश्रय, पाठशाला, आयंबिल भवन, धर्मशाला आदि हेतु शिला स्थापन हो तो उसमें बोली जाती शिलाओं की बोलियाँ उन-उन खाते में जा सकती है। (उदा. उपाश्रय की शिला की उपाश्रय खाते में । केवल गुरुमंदिर हेतु शिला स्थापन हो तो उसमें बोली जाती शिलाओं की बोलियाँ गुरुमंदिर निर्माण-जीर्णोद्धार खाते में जा सकती हैं एवं जिनमंदिर जीर्णोद्धार-नवनिर्माण में भी जा सकती हैं ।) विशेष : इस मौके पर जो पट्टक पूजन, आरती, मंगल दीया, शांतिकलश एवं गुरुपूजनादि होते हैं, उनकी आय देवद्रव्य में ही जाती है । ३९ - लघुशांतिस्नात्र प्रसंग की बोलियाँ बोली किस खाते में ? १ - कुंभ स्थापना करने की देवद्रव्य २ - दीपक स्थापना करने की देवद्रव्य ३ - जवारारोपण करने की देवद्रव्य ४ - नवग्रह पट्टक पूजन करने की ५ - दशदिक्पालपट्टक पूजन करने की ६ - अष्टमंगल पट्टक पूजन करने की देवद्रव्य ७ - सिंहासन में प्रभु की स्थापना करने की देवद्रव्य ३८ धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? देवद्रव्य देवद्रव्य Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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