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७ - दीक्षा-उपकरणों को अर्पण करने की बोलियाँ । __ पुरुषों हेतु बहिनों हेतु किस खाते में - १. कंबल १. कंबल
साधुसाध्वी वैयावच्च २. कपड़ा
२. कपड़ा साधुसाध्वी वैयावच्च ३. चोलपट्टा(अधोवस्त्र) ३. साडा
साधुसाध्वी वैयावच्च ४. पातरों की जोड़ी ४. पातरों की जोड़ी साधुसाध्वी वैयावच्च ५. तरपणी-चेतना ५. तरपणी-चेतना साधुसाध्वींवैयावच्च ६. आसन ६. आसन
साधुसाध्वी वैयावच्च ७. संथारा ७. संथारा
साधुसाध्वी वैयावच्च ८. उत्तरपट्टा ८. उत्तरपट्टा साधुसाध्वी वैयावच्च ९. डंडा ९. डंडा
साधुसाध्वी वैयावच्च १०. डंडासन १०. डंडासन साधुसाध्वी वैयावच्च ११. सूपडी-पूंजणी ११. सूपडी-पूंजणी साधुसाध्वी वैयावच्च १२. चरवली १२. चरवली
साधुसाध्वी वैयावच्च १३. नवकारमाला १३. नवकारमाला १४. पुस्तक पोथी १४. पुस्तक पोथी
ज्ञानखाता १५. दीक्षा होने के बाद नूतन मुनि/साध्वी का
नूतन नाम जाहीर करने को १६. गुरु भगवंत का पूजन करने की
देवद्रव्य १७. गुरु भगवंत को कंबल बहोराने की नोंध : साधु-साध्वी वैयावच्च की राशि में से विहारादि स्थलों के उपाश्रय एवं
रसवती हेतु द्रव्य इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । उस हेतु व्यक्तिगत या स्वद्रव्य इस्तेमाल करना चाहिए ।
ज्ञानखाता
देवद्रव्य
देवद्रव्य
धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ?
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