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उपाश्रय
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४ - उपाश्रय में शय्यातर का चंदा इकट्ठा किया जाता हैं वह ५- संघपति और तपस्वी आदि के बहुमान प्रसंगपर
- तिलक करने की - हार पहनाने की - श्रीफल देने की - साफा पहनाने की - चुंदड़ी ओढ़ाने की - शॉल पहनाने की
- सम्मान पत्र अर्पण करने की ६ - पर्युषण में जन्मवांचन, महापूजा या अन्य प्रसंग
पर संघ इकट्ठा हुआ हो तब संघ के सभ्यों के - दूध से चरण प्रक्षालन करने की - तिलक करने की - हार पहनाने की - प्रभावना देने की
- गुलाबजल छांटने की ७ - अंजनप्रतिष्ठा या किसी महोत्सव हेतु संघ की ___जाजम (शतरंजी-दरी) बिछाने की ८ - चढ़ावा (बोली) लेनेवाले परिवार का संघ द्वारा
तिलक आदि से बहुमान करने की ९ - ऐसे प्रसंग पर संघ के मुनिमजी/मेहताजी बनने की १० - संघ की कुंकुमपत्री (पत्रिका) में लिखितं/ सादर
प्रणाम/जय जिनेन्द्र लिखने की ११ - संवत्सरी संबंधी सकल संघ को व्याख्यान के
समय मिच्छा मि दुक्कडं प्रदान करने की
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धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ?
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