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________________ २४ - पर्युषण में जन्म वाचन प्रसंग पर बुलवाईजाती बोलियाँ बोली किस खाते में ? १ - सकल संघ पर गुलाबजल से अमी छांटना करने की साधारण २ - संघ के मुनीमजी-मेहताजी बनने को साधारण ३ - स्वप्नादि की बोली लेने वाले परिवार का बहुमान करने की... साधारण ४ - चौदह स्वप्नों को ऊतारने की-झुलाने की... .. देवद्रव्य ५ - स्वप्नों को पुष्प-सुवर्ण-मोती आदि की माला पहनाने की देवद्रव्य ६ - पद्मसरोवर स्वप्न के समय गुलाबजल छांटने की देवद्रव्य ७ - स्वप्नों को सिर पर ले पधराने की देवद्रव्य ८ - पारणे में प्रभुजी को पधराने की देवद्रव्य ९ - पारणा-प्रभुजी को झुलाने की देवद्रव्य १० - पारणा-प्रभुजी संबंधी हर एक लाभ की... , देवद्रव्य (उदा. धूप-दीपक-चामर-थाली-डंका बजाना आदि) नोंध : 'स्वप्नों की जो बोली बुलवाई जाए, उसमें से या उस पर निश्चित प्रतिशत राशि साधारण खाता या अन्य किसी खाते में देना पडेगा' ऐसा तय करके बोली नहीं बुलवा सकते । स्वप्न संबंधी बोलियों की संपूर्ण राशि देवद्रव्य में ही जाती है । उसका उपयोग जिनमंदिर के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण में ही करना चाहिए । मंदिर की व्यवस्था, पूजा एवं संचालन हेतु इस राशि का उपयोग नहीं कर सकते । विशेष नोंध : मुनीमजी-या मेहताजी बनने को बोलो बोलते समय यदि भगवान के मुनीमजी या मेहताजी बनने की जाहीरात की जाती हो तो वह देवद्रव्य २५ - उद्यापन-उजमणा उद्यापन-उजमणे में दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र की पुष्टि हो एवं सातों क्षेत्र में उपयोगी हो ऐसे उपकरण रखने चाहिए । | २० धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? राशि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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