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________________ सौजन्य, आधारस्तंभ सहायक आदि के तौर पर नाम देने का जो द्रव्य आता है, उसका उपयोग : जिनभक्ति महोत्सव के हर एक कार्य में कर सकते हैं । उदा. प्रभावना, साधर्मिक वात्सल्य, संगीतकार का खर्चा, पत्रिका छपाने का खर्चा आदि । ११ - सर्वसाधारण (शुभ) धार्मिक या धर्मादा ( Religious or Charitable) किसी भी शुभ कार्य में इस्तेमाल करने हेतु कोई सर्वसाधारण का चंदा इकट्ठा किया गया हो उस द्रव्य का उपयोग धार्मिक या धर्मादा के किसी भी कार्य में किया जा सकता है । उदा. चातुर्मास में हरएक कार्यों का खर्चा निकालने हेतु या वार्षिक हर प्रकार का खर्चा निकालने हेतु संघ में चंदा (टीप) किया जाता है । बारह महिनों हेतु बारह या पंद्रह-पंद्रह दिन हेतु चौबीस बोलियाँ खाते में आय वृद्धि की जा सकती है । बुलवाकर भी इस प्राकृतिक प्रकोप, सामाजिक आफत आदि प्रसंग पर चैरिटी के तौर पर इस द्रव्य का उपयोग कर सकते हैं । झांपाचुंदड़ी या फलेचुंदड़ी के चढ़ावे की आय शुभ खाते में इस्तेमाल की जा है । १२- सातक्षेत्र सातक्षेत्रों के नाम ः १ - जिनप्रतिमा, २ - जिनमंदिर, ३ - जिनागम, ४- साधु, ५ - साध्वी, ६ - श्रावक एवं ७ - श्राविका हैं । सातक्षेत्रों में जहाँ भी जरूरत हो वहाँ इस्तेमाल करने हेतु किसी द्वारा द्रव्य प्राप्त हुआ हो तो उसका उपयोग उस क्षेत्र में जैसी जरूरत हो उस परिमाण में इस्तेमाल कर सकते हैं । अथवा दाता की भावना एवं आशय अनुसार उस सकते हैं । सातक्षेत्रों की पेटी / डिब्बा / गोलख : * सातक्षेत्रों के अलग नामोल्लेख पूर्वक पेटी/डिब्बा / गोलख रखे हों तो उसमें से धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ? Jain Education International - For Personal & Private Use Only उस क्षेत्र में इस्तेमाल कर १३ www.jainelibrary.org
SR No.004076
Book TitleDharmdravya ka Sanchalan Kaise kare
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmdhwaj Parivar
PublisherDharmdhwaj Parivar
Publication Year2012
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size5 MB
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