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दूसरा ख्याल यह रखना होता है कि परमात्मा को प्रक्षाल या अंगलूछना करते समय बड़ी सावधानी से, धीरे-धीरे, एकाग्रतापूर्वक, अपने नन्हें बालक को स्नान कराते समय जैसी सावधानी ली जाती है, उससे अधिक सावधानी बरतनी चाहिए । यदि ऐसा न करो तो लेप हिल जाएगा और चक्षु - टीका-पट्टी भी जमेगी नहीं ।
राल के अलावा, स्टीक फास्ट, एरेल्डाइट, फेविटाईट, इन्स्टन्ट स्टीक आदि किसी भी केमिकल्स को प्रभु के अंग पर प्रयोग नहीं करना चाहिए । ये केमिकल्स भयंकर, हिंसक केमिकल्स हैं । उनसे प्रतिमाजी को नुकसान होने की घटनाएं हुई हैं । अनुभवी व्यक्तियों से पूछकर बराबर प्रयोग करने से राल कैसे बनाना इस्तेमाल करना : यह जाकर कुशलता पाई जा सकती है।
धर्मद्रव्य का संचालन कैसे करें ?
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