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कारापिता प्र० बृ० श्रीखरतरगच्छाधिपति सिद्धान्तमहोदधि जं० यु० प्र० भ० जैनाचार्य श्रीजिनविजयेन्द्रसूरिभिः विक्रमपुरे॥
(२६७४) ब्रह्मशांतियक्षः विक्रम सं० २००२ मार्गशीर्ष शुक्ला १० शुक्रे ओसवाल ज्ञातीय हाकिम कोठारी श्रे० रावतमलस्यात्मज श्रीभैरूदानजी तस्यभार्या चांदकुमारी इत्यनेन श्रीब्रह्मशांतियक्षमूर्त्तिः का० प्र० श्री यु० प्र० भ० जैनाचार्य श्रीजिनविजयेन्द्रसूरिभिः विक्रमनगरे
(२६७५) सिद्धायिकादेवी वि० सं० २००२ मा० सु० १० शुक्रे ओ० ज्ञा० को० श्रे० रावतमलस्यात्मज श्रे० भैरूदान तस्यभार्या चांदकुमारी इत्यनेन श्रीसिद्धायिकादेवी मूर्ति का० प्र० श्री जं० यु० प्र० भ० जैनाचार्य (जिनविजयेन्द्रसूरिभिः)
(२६७६) जिनदत्तसूरि-पादुका ___ सं० २००५ मि। जे। सु १० जं। यु० प्रधान भट्टारक गुरुदेव दत्तसूरि चर्णपादुका भीखनचंदजी गिडिया प्रतिष्ठा कारापितं।
(२६७७) सुखसागरजी-पादुका ___ सं० २००५ मि। जे। सु १० खरतरगच्छाधिपति परमपूज्य गुरुदेव श्रीसुखसागरजी मा० सा० के चर्णपादुका श्रीभीखनचंदजी गिड़ीया प्रतिष्ठा कारापितं।
(२६७८) जिनचारित्रसूरि-पादुका सं० २००७ आषाढ़ कृ० एकादश्यां रवौ कचराणी गोलछा श्रेष्ठि दीपचन्द्रेणं जं० यु० प्र० भ० व्या० वा० श्रीजिनचारित्रसूरीश्वर पादुके कारितं जं० यु० प्र० भ० सि० म० व्या० वा० श्रीजिनविजयेन्द्रसूरीश्वरैः प्रतिष्ठापिते च।
(२६७९) शिलालेखः बीकानेर निवासी श्रीमान् दानवीर स्वर्गीय सेठ भागचन्दजी कचराणी गोलछा के सुपुत्र दीपचन्दजी इनकी धर्मपत्नी आभादेवी ने १७ हजार रु० की लागत से बनवा कर नाल ग्राम में आषाढ़ कृष्णा ११ रविवारे सं० २००७ प्रतिष्ठा करवाई।
२६७४. महावीर जिनालय, बोरों की सेरी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७११ २६७५. महावीर स्वामी का मंदिर, बोरों की सेरी, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १७१२ २६७६. महावीर सेनिटोरियम, उदरामसरः ना० बी०, लेखांक २१९७ २६७७. महावीर सेनिटोरियम, उदरामसर, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २१९८ २६७८. श्रीजिनचारित्रसूरि मंदिर, नाल: ना० बी०, लेखांक २३०९ २६७९. श्रीजिनचारित्रसूरि मंदिर, नाल: ना० बी०, लेखांक २३०८
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(खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः)
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