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________________ (२४२९) हंसविलास-पादुका संवत् १९३६ शाके सं० १८०१ शनिवासरे रा मिगसर वद १ श्रीजिनभद्रसूरिशाखायां भट्टारक श्रीजिनहर्षसूरिभिः तत्शिष्य पं० प्र० श्रीहंसविलासजी गणिनां इदं चरणन्यास उ। कल्याणनिधानगणिः पं० प्र० विवेकलब्धिमुनिः पं० प्र० श्रीधर्मवल्लभमुनिः कारापिता प्रतिष्ठिता श्रीजिनचंद्रसूरिभिः शुभं भूयात्। (२४३०) सुखराम-पादुका संवत् १९३६ । मि। मि० व० १ वा० १० श्रीरामचंद्रजिद्गणिः तच्छिष्य पं० प्र० १०८ श्रीसुखरामजी मुनि पादुके शि० उ० श्रीसुमतिशेखरगणि स्थापितौ॥ शुभंभूयात् । __ (२४३१) दादा-पादुके ॐ नमः दत्तसूरिजी ॐ नमः कुशलसूरिजी मिति माह सुदि ५ संवत् १९३६ का (२४३२) जिनकुशलसूरि-पादुका दादाजी श्री जं। यु। प्र। श्रीजिनदत्तसूरिजी, श्रीजिनकुशलसूरिजी सूरीश्वराणां चरणन्यासः। संवत् १९३६ रा शाके १८०१ प्र० मिती फाल्गुण शुक्ला तृतीया तिथौ श्री कीर्त्तिरत्नसूरिशाखायां पं० प्र० सदाकमल मुनि कारापिता प्रति। (२४३३) दानमल्लबाफणा-पादुका श्रीऋषभाननजैनेन्द्रप्रासादे बाफणा संघवी। सेठजी श्रीदानमल्लस्य चरणपादुका कारापिता तत्पुत्रेण बा। सं। से हमीरमल राजमल्लेन स्थापितः श्रीबूंदीनगरे रसाग्न्यंकभूवर्षे शुक्लज्ञानमिते कर्मवाट्यां श्रीमच्छी जिनमुक्तिसूरीणामुपदेशात् उपाध्याय श्रीहर्षकल्याणगणिभिः स्थापितं ॥ श्रीभूयात् ॥ (२४३४) शालालेखः (१) ओसवाल समस्त की पंचायती की परशाल इ(२) णी तलाव के बंध ऊपरे थी सु बंध को हरजो देख (३) ने परसाल खोलाय कर बंध के पास चोकी करा(४) ई च्यारे पासे पेडालिया घलाया इणी चोकी के सा(५) ह्मने बंध ऊपरे गुरां धर्मचन्द्र आचार्यगच्छ (६) का जिणांकी परसाल ऊपर सुं खुली छे जिणे के (७) सामने चोकी कराई सं० । १९३६ के साल में॥ २४२९. दादा जिनकुशलसूरिजी का मंदिर, नाल: ना० बी०, लेखांक २२९० २४३०. दादा श्रीजिनकुशलजी का मंदिर, नाल: ना० बी०, लेखांक २२९३ २४३१. चन्द्रप्रभ जिनालय, साहूकार पेठ, मद्रास: पू० जै० भाग २, लेखांक २०७१ २४३२. आदिनाथ जिनालय, लूणकरणसर: ना० बी०, लेखांक २५०५ २४३३. सेठ जी का मंदिर, बूंदी: प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ६३७ . २४३४. दादाजी का स्थान, गजरूप सागर, जैसलमेर: पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५९१ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) (४२१) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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