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(२०३३) चतुर्भुज-पादुका ॥ पं० । प्र। श्री १०८ श्रीचतुरभुजजी गणि पादुकामिदं ।
(२०३४) चैनसुख-पादुका गुरांजी श्री १०८ पं। प्र। चैनसुखजी।
(२०३५) नयविजय-पादुका पं० नयविजय पादुका
__ (२०३६) लालचन्द-पादुका । पं। प्र। श्री १०८॥ श्रीलालचन्द्रजी गणि पादुकामिदं।
(२०३७) सुखरत्न-पादुका पं० सुखरत्न पादुका
(२०३८) ...............व्यो। ३ भ। श्रीजिनचंद्रसूरिभिः प्रतिष्ठिता
(२०३९) बहादुरमल बाफणा पादुका सं० १९०१ शाके १७६६ प्रवर्त्तमाने वैशाखमासे शुक्लपक्षे सप्तमीतिथौ गुरुवासरे बाफणा श्रीगुमानचंदजी तत्पुत्र संघवीजी श्रीबहादरमलजी वासी जेसलमेर का सुखवासक कोटा रामपुरा में तस्य चरणपादुके कारापितं तस्य पुत्र संघवि दानमल प्रतिष्ठिते भट्टारक श्रीजिन १०८ श्री श्रीमहेन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठा स्थापितः श्रेय भवतु श्रीकल्याणमस्तु।
(२०४०) कुन्थुनाथः सं० १९०१ वर्षे मि। वैशाख शुक्ला १५ तिथौ बाफणा । गुमानजी तद्भार्या जेठादे श्रीकुंथुनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं च भ। जं । यु। प्र। श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः।
२०३३. दादाबाड़ी, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८५७ २०३४. दादाबाड़ी, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८६५ २०३५. पार्श्वनाथ जी का मंदिर, नोखामंडी: ना० बी०, लेखांक २२६७ २०३६. दादावाडी (देदानसर तालाब), जैसलमेर: ना० बी०, लेखांक २८५९ २०३७. पार्श्वनाथ जी का मंदिर, नोखामंडी : ना० बी०, लेखांक २२६८ २०३८. चिंतामणि पार्श्वनाथ मंदिर, मुम्बई : ब० चि०, लेखांक १३ २०३९. दादाबाड़ी, कोटा: प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५०५ २०४०. अजितनाथ देरासर, सुगनजी का उपाश्रय, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १६६३
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(खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:)
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