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________________ (१६०९) शालालेख: (१) ॥ स्वस्ति श्रीरस्तु॥ संवत् १८४० मिति । मार्गशीर्ष मासे। बहु(२) लपक्षे। पंचम्यां तिथौ शुक्रवारे जेसलमेरुदुर्गे म(३) हाराजाधिराज महाराज श्रीमूलराजजीविजयिरा(४) ज्ये। कुंअर श्रीरायसिंहजीयौवराज्ये। श्रीबृहत्खर(५) तरगच्छाधीश्वर। भट्टारक श्रीजिनलाभसूरीश्वर पट्टालंका(६) र। भ। श्रीजिनचन्द्रसूरीणामुपदेशात् सकल श्रीसंघेन श्री (७) जिनकुशलसूरिसद्गुरुस्तूपपार्श्वे पूर्वस्यां पश्चिमायां च (८) अभिमुखं प्रतिशालाद्वयं कारितं च। तथा। (९) अग्रतः श्रीजिनलाभसूरिगुरुस्तूपः कारितः स्वश्रेयो(१०) र्थं । सर्वमेतत् श्रीसद्गुरुप्रसादान्निर्विघ्नं सञ्जातं ॥ श्री॥ (११) उस्ता। कंमू बीकानेरिया (१६१०) जिनलाभसूरि-पादुका सं० १८४० मिते मार्गशीर्षमासे बहुलपक्षपंचम्यां तिथौ शुक्रवारे श्रीजैसलमेरु द्रंगे श्रीबृहत्खरतरगच्छीय श्रीसंघेन भ। श्रीजिनलाभसूरीणां पादुके कारिते प्रतिष्ठिते च। भ। श्रीजिनचंद्रसूरिभिः॥ श्रीरस्तु॥ (१६११) सिद्धचक्रयंत्रम् श्री सिद्धचक्रो लिखतो मया वै। भट्टारकीयेन सुयंत्रराजः॥ श्रीसुन्दराणां किल शिष्येन। स्वरूपचंद्रेण सदर्थसिद्धयै ॥१॥ श्रीमन्नागपुरे रम्ये चंद्रवेदाऽष्ट भूमिते। अब्दे वैशाखमासस्य तृतीयायां सिते दले ॥२॥ (१६१२) सिद्धचक्रयंत्रम् सं० १८४२ मिति माघ कृष्ण ११ गुरुवासरे कौटिकगण चन्द्रकुलावतंस खरतरभट्टारक। जं॥ श्रीजिनचंद्रसूरीणामुपदेशात् कारापितं स्वश्रेयसे लूणिया उत्तमचन्द्रेण सिद्धचक्रयंत्र प्रतिष्ठितं। वाचक। लावण्यकमलगणिना __ (१६१३) धर्मनाथ पञ्चतीर्थी: सम्वत् १८४३ ई रै वे (वै) शाख सुदि ६ बुधे उसवालज्ञातीय वृद्धशाखायां प्र० श्रीफतेलालजी तत्पुत्र साह श्रीसाकरलालजी बिम्बं धर्मनाथबिंबं (कारितं) श्रीबृहत्खरतरआचार्यगच्छे श्रीरूपचन्दजी अस्थायी भट्टारक ज० श्रीजिनचन्द्रसूरिराज्ये। १६०९. दादाबाड़ी, जैसलमेर: पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५०२ १६१०. दादाबाड़ी, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २८६० १६११. केशरियानाथ जी का मंदिर, मोतीचौक, जोधपुर : पू० जै०, भाग १, लेखांक ६१३ १६१२. महावीर मंदिर, सांगानेर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ३७७ १६१३. तपागच्छीय जैन मंदिर, बालापुर : जै० धा० प्र० ले० सं०, लेखांक ३४५ (२८८) (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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