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________________ (१) सं० १६९३ मार्गशीर्ष सु (३) थाहरूकेण श्री आ (५) घुभार्या सुहागदेवी (७) ष्ठि श्रीजिनराजि (१) सं० १६९३ मार्गशीर्ष (३) थाहरूकेण श्रीसंभ(५) मेघराज पौत्र भोज(७) र्थमकारि । प्र० श्री (१४२३) स्तंभ पर (१) संवत् १६९३ मार्गशीर्ष सुदि (३) रूकेण श्रीअजितदेव गृ(५) र्थमकारि प्र० श्रीजिन (१) सं० १६९३ मार्गशीर्ष (३) वी थाहरूकेण श्रीपा(५) द्ध भार्या कनकादेवी (७) श्रीजिनंराजसूरि (२) दि ८ भणसाली संघवी (४) दिनाथ देवगृह स्वल(६) पुण्यार्थमकारि प्रति ( १४२४) स्तंभ पर Jain Education International (२) ८ भणशाली संघवी थाह(४) ह पुत्रररत्न हरराज पुण्या(६) राजसूरिभिः ॥ (१४२५) स्तंभ- पर (२) दि ८ भणसाली सं० (४) वनाथदेवगृहं पुत्र (६) राज सुखमल्ल पुण्या(८) जिनराजै: (१४२६ ) स्तंभ पर सु (२) दि ८ भणसाली संघ(४) र्श्वनाथ देवगृहस्य वृ(६) पुण्यार्थमकारि प्र० (c) ft:11 (१४२७) पादुका (१) सं० १६९३ मार्गशीर्ष सुदि ८ सं० थाहरूक यु(२) तेन भगिनी सजना स्वमातृ चापलदे भरां(३) वी पादुकाः ॥ प्र० श्रीजिनराजसूरि ( १४२८ ) शिलालेख: संवत् १६९३ वर्षे मग (मार्ग० ) सुद (दि) १० ष (ख) रतरगच्छे पं० गुणनंदन गणिभिः पं० सीरराजमुनि पं० गिरराजमुनि पं० हीराणं (नं ) दप्रमुखसाधुसहितैर्यात्रा कृता संतपानधाकारि (?) ॥ १४२३. पार्श्वनाथ मंदिर, लोद्रवा मन्दिर नं० १, जैसलमेर : पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५६७ १४२४. पार्श्वनाथ मंदिर, लोद्रवा मंदिर नं० २, जैसलमेर : पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५६९ १४२५. संभवनाथ जिनालय, लोद्रवा, जैसलमेर : पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५७१ १४२६. पार्श्वनाथ मंदिर नं० ४ लोद्रवा, जैसलमेर : पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५७३ १४२७. पार्श्वनाथ जिनालय, लोद्रवा, जैसलमेर पू० जै० भाग ३, लेखांक २५६२ १४२८. जैनमंदिर, मेवानगर : जैनतीर्थ सर्वसंग्रह, भाग १ खंड २ पृ० १८३ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: For Personal & Private Use Only (२५७) www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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