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________________ (५) पट्टप्रभाकरैः। श्रीअकब्बरसाहिप्रदत्तयुगप्रधानपदप्रवरैः प्रतिवर्षाषाढी(६) याष्टाह्निकादिषाण्मासिकामारिप्रवर्तकैः। श्रीषंभाततीर्थोदधिमीनादिजीवरक्षकैः। श्रीशत्रु(७) जयादितीर्थकर मोचकै :। सर्वत्रगोरक्षाकरकै: पंचनदीपीर साधकै : । युगप्रधानश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः। (८) आचार्यश्रीजिनसिंहसूरि श्रीसमयराजोपाध्याय वा० हंसप्रमोद वा० समयसुंदर वा० पुण्यप्रधानादिसाधुयुतैः॥ (१३५८) अजितनाथः सं० १६७७ ज्येष्ट वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपड़ागोत्रीय सं० कचरा भार्या कउडिमदे चतुरंगदे पुत्र स० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न स० अमीपालेन पितृव्य चांपसी वृद्ध भ्रातृ सं० आसकरण लघु भ्रातृ कपूरचन्द स्वभार्या अपूरवदे पु० गरीबदासादि परिवारेण श्रीअजितनाथ बिं० का० प्र० बृ० खरतरगच्छाधीश्वर श्रीजिनराजसूरि-सूरिचक्रवर्तिः॥ (१३५९) अजितनाथ-मूलनायकः प्र० भट्टारकप्रभु श्रीजिनरांजसूरिभिः॥ संवत् १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपडागोत्रीय सं० कचरा भार्या कउडिमदे चतुरंगदे पुत्र सं० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न सं० अमीपालेन पितृव्य चांपसी वृद्धभ्रातृ सं० आसकरण लघुभ्रातृ कपूरचन्द्र स्वभार्यापि अपूरवदे पु० गरीबदासादिपरिवारेण श्रीअजितनाथबिंब का० प्र० बृ० खरतरगच्छाधीश्वर श्रीजिनराजसूरिचक्रचक्रवर्तिभिः॥ (१३६०) सम्भवनाथ-मूलनायक ॥ सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ सं० अमरसी भा० अमरादे पु० सं० आसकरण अमीपाल कपूरचन्द्रेण श्रीसंभवनाथबिंबं कारितं स्वपरिवारश्रेयोर्थं प्र० बृहत्खरतरगच्छे भट्टारक श्रीजिनराजसूरिभिः॥ (१३६१) सुमतिनाथः प्र० श्रीजिनराजसूरिसूरिसार्वभौमैः। सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपड़ागोत्रीय सं० अमरसी भा० अमरादे पुत्ररत्न सं० आसकरण भा० अजाइबदे पु० ऋषभदास कपूर दास प्रवरया श्रीसुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत् खरतरगच्छाधिप युगप्रधान श्रीजिनसिंहसूरिपट्टालङ्कारक भट्टारकपुण्डरीक श्रीजिनराजसूरिसूरिदिनकरैः। (१३६२) चन्द्रप्रभः सं० १६७७ ज्येष्ठ वदि ५ गुरौ श्रीओसवालज्ञातीय गणधरचोपड़ागोत्रीय सं० अमरसी भार्या अमरादे पुत्ररत्न सं० कपूरचन्द्रेरण भार्या महिमादे श्रेयोर्थं श्रीचन्द्रप्रभबिंबं० का० प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छनायक १३५८. चिन्तामणि जी का मंदिर, मेड़ता: पू० जै०, भाग १, लेखांक ७८५ १३६९. शांतिनाथ मंदिर, मेड़ता सिटी : प्र० ले० सं० भाग १, लेखांक ११४६ १३६०. संभवनाथ मन्दिर, अजमेरः प्र० ले० सं०, भाग १, लेखांक ११५०; प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक २४५ १३६१. शांतिनाथ मंदिर, मेड़तासिटी : प्र० ले० सं०, भाग १, लेखांक ११४८ १३६२. शांतिनाथ मंदिर, मेड़तासिटी : प्र० ले० सं०, भाग १,लेखांक ११४९ (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:) २४५ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004075
Book TitleKhartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2005
Total Pages604
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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