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षड्दर्शन समुच्चय भाग-१, परिशिष्ट-७, दार्शनिक-पारिभाषिक शब्द-सूची
अस्तित्वसंबन्ध अस्तेय असंकर असत्प्रतिपक्ष असत्त्व असाता
ईहा
ऋक्
कर्म
असिद्ध
असिद्धत्व असुरभि असूया अस्ताचल अस्तिकाय अहंकार अहमधिक अहमद्धिक अहिंसा
अहि
अहेतु (समा) अत्रि अज्ञान
[आ] आकाश आकाशगुण आकाशद्रव्य आकिञ्चन्य आकुञ्चन आगम आचाराङ्ग आतप आत्मगुण आत्मसिद्धि आत्मा आत्मादिद्रव्य आत्मवादी आत्मसंवेदन आत्यन्तिक आत्यन्तिकवियोग आदर्श
| आदाननिक्षेप ईश्वरदेवता आदित्य
ईश्वरप्रत्यक्ष आधाराधेय ईश्वरबुद्धि आधिदैविक ईश्वरवादी आधिभौतिक आनन्द
[] आप्तपरीक्षा उत्कर्ष (सम) आप्त
उत्कर्षापकर्षसमा आमलकी उत्कुरुडिका आम्ल
उत्क्षेप आयुर्वेद
उत्क्षेपण आयु आदि बाह्य प्राण| उत्क्षेप्य आराम
उच्छवास आर्यसत्य
उत्तरप्रकृति आर्हत
उत्तरबन्ध आसुरि
उत्तरमीमांसावादी आस्तिकवाद उत्पादव्ययध्रौव्य आस्रव
उत्सर्ग आश्रयदोष
उदयाचल आश्रयासिद्ध उदयन आहोपुरुषिका उदीरणा आत्रेयतन्त्र उद्वेग आज्ञानिक
उद्योत आज्ञासिद्ध
उद्योतकर [ ] उपचारच्छल इन्द्रजाल
उपनय इन्द्रियसंनिकर्ष उपपत्ति (समा) इन्द्रियार्थसंनिकर्ष उपमान इलापुत्र
उपमेय इषुकारनर
उपरम इष्टापूर्ति
उपल [ई] उपलब्धि (समा)
उपवास ईर्यापथ
उपस्थ ईशान
उपायोपेय
उभयहेतु ईश्वर ईश्वरकृष्ण
उलूक
कपिलमत [ऊ] कमण्डलु
कमलशील [ऋ] कर्कादि
कर्तृत्वानुपपत्ति ऋतुविभाग ऋषभ
कर्मग्रन्थ [ए]
कर्मत्व एकदण्डा
कलल एरण्डयन्त्रपेडा
कल्प एषणा
कल्पनापोढ [ऐ] कवलाहार ऐतिह्य
कषाय ऐन्द्रियकत्व कषायादिसङ्ग ऐन्द्रियप्रत्यक्ष ककुच्छन्द | ऐश्वर्य
क्रमभावीधर्म ऐषम
काकतालीय [ओ] काञ्चन ओष्ठ
काण्ठेवि
कान्तार औदारिक
कापालिक औलूक्य
कापिल औंबेक
काम [क] कायक्लेश कञ्चकसंयोगकल्प कायाकारपरिणाम कञ्चुकि
कायोत्सर्गकरण कट
कारणानुपलब्धि
कारणानुपलम्भ कठिन
कारणानुमान कठोर
कारीष कडि
कार्यकारणभाव कणाद
कार्यानुमान कण्टक
कार्यसमा कण्ठ
कार्यहेतु कण्ठेरेखात्रयाङ्कितसर्वज्ञ | काल कन्दली
कालद्रव्य कपिल
कालमुख कपिलाण्ड
कालवचन
कटु
ईश्वर
उरः
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