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उपसंहार
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अष्टकाख्यं प्रकरणं कृत्वा यत् पुण्यमर्जितम् । विरहात् तेन पापस्य भवन्तु सुखिनो जनाः ॥
इस 'अष्टक' नाम वाले प्रकरण को लिखकर मैंने जो पुण्य कमाया हो . उसके फलस्वरूप लोग पाप से मुक्त होकर सुखी बनें ।
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