________________ HEARNERALARIA हूँ तत्त्वजिज्ञासुओंके लिये अपूर्वग्रंथ, 1 श्रीआचारांगसूत्र (द्वितीय श्रुत स्कंध ) श्रीशीलांकाचार्यकृत टीकासहित रु. 2-052 श्रीभगवतीसूत्र ( आचार्य दानशेखर सूरिविहित टीक सहित ) रु. 5-0-0 ते 3 श्रीतत्वार्थसूत्र ( आचार्य हरिभद्र मूरिकृत टीका और स्वोपज्ञ भाध्य ) रु. 6-0-0 4 श्रीतत्त्वार्थसूत्र ( मूल तथा स्वोपज्ञ भाष्य ) रु. 1----0 हैं 5 श्रीपर्युषणादशशतक ( महोपाध्याय श्री धर्मसागरगणि कृत स्वोपज्ञ) रु. 0-10-0 66 पुष्पमाला ( उपदेशमान ) (मलधारी हेमचंद्रसूरिकृत स्वपज्ञ) रु. 6-0-0 7 विशेषावश्यक भाष्य पूर्वार्ध र (श्रीकोट.rकी। रु. 5-0-0 ro o m: Ser ing Jin Shascht D (धर्म रु. 0-3-0 : प्राप्तिस्थान 020320 जैनानंद पुस्तकालय, गोपीपुरा सूरत. *IRECTORS ENCY TRESEARCHROGRAAT HARA बद्धिसाग qyanmandir@koatirth urg Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org