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મુનિશ્રી નીતિવિજયજી સૌને શા
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याने
* श्रीवीतरागाय नमः ॐ श्रीतत्त्वार्थकर्तृतन्मतनिर्णय श्रीतत्त्वार्थसूत्रके कर्त्ताश्वतांवर है या दिगंबर?
विचार संग्राहकपरमपूज्य नृपतिप्रतिबोधक आगमोद्धारक श्रीमत् सागरानन्दसूरीश्वरजी महाराज.
_____प्रकाशिका-श्री रतलाम (रत्नपुरीय) श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी नाम्नी श्वेतांबरसंस्था.
प्रथमावृत्त । पण्यं विक्रमसंवत्
५०० । --१०-० । १९९३ प्राप्तिस्थान--श्रीजनानन्दपु तकालय गोपीपुरा सूरत. . इस पुस्तकका सर्व हक प्रकाशकने स्वाधीन रखा है.
२४ प्रिंटिंग प्रेस, इन्दौर में मुद्रित.
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