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जीव भव स्थिति
काय स्थिति (उत्कृष्ट) 9. गर्भज जलचर - करोड़ पूर्व वर्ष
सम्मूर्छिम 10. गर्भज उरपरिसर्प - करोड़ पूर्व वर्ष सम्मूर्छिम 53000 वर्ष
सात या
आठ जन्म 11. गर्भज भुजपरिसर्प- करोड पूर्व वर्ष
ग्रहण सम्मूर्छिम 42000 वर्ष 12. खेचर - पल्योपम का असंख्यातवां
सम्मूर्छिम 72000 वर्ष
13. चतुष्पद स्थलचर - 3 पल्योपम सम्मूर्छिम
84000 वर्ष
नारक और देवों की भवस्थिति और कायस्थिति समान है, क्योंकि नारक जीव पुनः जन्म लेकर नारक नहीं बनते और इसी तरह देव भी पुनः देव नहीं बनते।
|| तृतीय अध्याय समाप्त ।।