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उत्तर
मानुषोत्तर पर्वत
पश्चिम
पूर्व
आभ्यांतर अर्धपुष्कर द्वीप
दक्षिण
पुष्करवर द्वीप
लाख यो.
धातकी खण्ड
जपत लवण समूह
जम्बू द्वीप
-8 लाख यो,
-
-8 लाख यो.
--4 लाख यो.
लाखाया.
2लाख यो.
-4 लाख यो.
+-8 लाख यो,
-8लाख यो
कालोदधि समुद्र
मनुष्य के भेद आर्या म्लेच्छाश्च ||15।।
सूत्रार्थ : मनुष्य दो प्रकार के हैं - 1. आर्य और 2. म्लेच्छ।
विवेचन : आर्य शब्द श्रेष्ठता का द्योतक है। अत: श्रेष्ठ गुणवाले, शील सदाचार संपन्न व्यक्ति आर्य कहलाते हैं।
म्लेच्छ : वे मनुष्य है, जिनका आचरण निन्दित और गर्हित होता है। जिनके - खान-पान, बोल-चाल, आचार-विचार आदि क्रूरता पूर्ण एवं हिंसाप्रधान है। निमित्त की अपेक्षा आर्यो के 6 भेद हैं - 1. क्षेत्र आर्य : आर्य क्षेत्र में जन्म लेने वाले। 2. जात्यार्य : उच्च जाति में जन्म लेने वाले। 3. कुल आर्य : श्रेष्ठ कुल में उत्पन्न होनेवाले। 4. कर्म आर्य : श्रेष्ठ कर्म से जीविका उपार्जन करने वाले। 5.शिल्पार्य : कारीगरी से जीविका उपार्जन करने वाले। 6. भाषार्य : शिष्ट, विशिष्ट भाषा का प्रयोग करने वाले।
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