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________________ पीला काला नेत्र लाल हरा गंध : जो सुंघा जाता है उसे गंध कहते है। यह दो दुभिगध प्रकार का है - 1. सुरभि (सुगन्ध) और 2. दुरभि सुरभि गंध (दुर्गन्ध) वर्ण : जो वर्ण वाले होते हैं। यह पाँच प्रकार का हैं - 1. कृष्ण (काला), नील (नीला), 3. रक्त (लाल), 4. पीत (पीला) और 5. शुक्ल सफेद (श्वेत-सफेद)। इन बीस भेदों के भी प्रत्येक के संख्यात, असंख्यात और अनंत भेद तरतमभाव से होते हैं। पुद्गलों के असाधारण पर्याय शब्द : एक स्कन्ध के साथ दूसरे स्कन्ध टकराने से जो ध्वनि समुत्पन्न होती है, वह शब्द है। शब्द श्रोत्रोन्द्रिय का विषय है। शब्द के दो प्रकार हैं। 1. स्वाभाविक और 2. प्रायोगिक 1. स्वाभाविक शब्द : ऐसे शब्द जो सहज ही होते है, जिनकी उत्पत्ति में जीव का कोई प्रयत्न नहीं करना होता है। अत: अप्रयत्न जन्य शब्द को स्वाभाविक शब्द कहते है। जैसे बादलों की गर्जना। 2. प्रायोगिक शब्द : जो शब्द जीव के प्रयत्न पूर्वक होते है, उन्हें प्रायोगिक शब्द कहते हैं। यह दो प्रकार का हैं। शब्दली शब्द 1. भाषात्मक शब्द और 2. अभाषात्मक शब्द 1. भाषात्मक शब्द : जो शब्द भाषा के रूप में अभिव्यक्त होते है। वे भाषात्मक शब्द कहलाते है। जैसे अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहा है, उसके शब्द भाषात्मक है। इसके भी दो भेद हैं। अ. अक्षरात्मक और आ. अनक्षारात्मक 20743074350 aiatan tema GANAGAR 452 119, PorMrsonarioPhivate astronly W O Doww.jainelibrary.org
SR No.004061
Book TitleTattvartha Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirmala Jain
PublisherAdinath Jain Trust
Publication Year2013
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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