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4. पेक्खन्तहो तहो रावण-वलासु बन्धेवि अप्पिउ भामण्डलासु।
66/11/4 - उसके देखते हुए रावण-सेना बाँधकर भामण्डल को सौंपी गई। 5. पुरे पइसन्ताहो राहवहो दुन्दुहि ताडिय सुरेहिँ हे। 79/4/घ.
- नगर में राघव के प्रवेश करते हुए (ही) देवताओं द्वारा आकाश
में दुन्दुभि बजाई गई। 6. परिणन्तहो लंकाहिव-दुहिय तहो अंगणे तेण वि कइ लिहिय।
6/9/1 - लंका नरेश की कन्या से विवाह करते हुए उसके आँगन में
किसी के द्वारा बन्दर चिह्नित किये गये। 7. विद्धन्तहो रयणासव-तणयहो दिट्ठि-मुट्ठि-संधाणु ण णावइ ।
11/12/1 - आक्रमण करते हुए रत्नाश्रव के पुत्र की दृष्टि-मुट्ठि का संधान
ज्ञात नहीं हो रहा था। 8. सयरहो सयल पिहिमि मुंजंतहो रयण-णिहाणइँ परिपालन्तहो सट्ठि सहास हूय वर-पुत्त।
5/10/3 - समस्त धरती का उपभोग करते हुए और रत्नों और निधियों का
परिपालन करते हुए राजा सगर के साठ हजार पुत्र हुए। पंचमी विभक्ति के प्रयोग - 1. अम्हहुँ देसें देसु भमन्तहुँ कवणु पराहउ किर णासन्तहुँ।
32/2/6 - एक देश से दूसरे देश घूमते हुए, भागते हुए हमारा कैसा पराभव ? सयल-काल-हिण्डण्तहुँ हुअ वण-वासे परम्मुहिय लक्खण-रामहुँ णं थिय सिय।
44/15/घ.
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[पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन
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