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23. पइँ समाणु हुअवहे अप्पाणु डहेव्वउ ।
77/8/12 - तुम्हारे द्वारा आग में स्वयं जलाया जाना चाहिए। 24. अम्हारिसाहँ णउ रूसेवउ।
82/5/3 - हम जैसों से नाराज नहीं हुआ जाना चाहिए। 25. काल-वसेण कालु वि सहेवउ ।
___ 28/12/6 - काल के अधीन काल को भी सहन किया जाना चाहिए। 26. किम्पि णाहिँ मग्गेव्वउ ।
54/15/6 - कुछ भी नहीं माँगा जाना चाहिए।
पउमचरिउ में प्रयुक्त कृदन्त-संकलन]
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