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14. णिक्कम्मा अट्टगुणा किंचूणा चरमदेहदो सिद्धा।
लोयग्गठिदा णिच्चा उप्पादवएहिं संजुत्ता।।
णिक्कम्मा अगुणा
कर्मो से मुक्त आठ गुणवाले
किंचूणा चरमदेहदो
कुछ कम अंतिम शरीर से
(णिक्कम्म) 1/2 वि {[(अट्ठ) वि-(गुण) 1/2] वि} (किंचूण) 1/2 वि [(चरम) वि-(देह)
5/1] पंचमी अर्थक ‘दो' प्रत्यय (सिद्ध) 1/2 वि [(लोय)+(अग्गठिदा)] [(लोय)-(अग्ग)(ठिद) भूक 1/2 अनि (णिच्च) 1/2 वि
[(उप्पाद)-(वअ) 3/2] __ (संजुत्त) 1/2 वि
सिद्ध
सिद्धा लोयग्गठिदा
णिच्चा उप्पादवएहिं संजुत्ता
लोक के अग्रभाग में अवस्थित नित्य उत्पाद व्यय से संयुक्त
अन्वय- णिक्कम्मा सिद्धा अट्टगुणा चरमदेहदो किंचूणा लोयग्गठिदा णिच्चा उप्पादवएहिं संजुत्ता।
अर्थ- कर्मों से मुक्त सिद्ध आठ गुणवाले, अंतिम शरीर से कुछ कम, लोक के अग्रभाग में अवस्थित, नित्य, उत्पाद व्यय से संयुक्त (होते हैं)।
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द्रव्यसंग्रह
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