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________________ अनु. संकेताक्षर-विवरण अ.---/प्र.--- अध्याय क्रमांक / प्रकरण क्रमांक। अ.---/ प्र.---/ शी. --- अध्याय क्रमांक / प्रकरण क्रमांक शीर्षक क्रमांक। अनुच्छेद (पैराग्राफ)। अभि. रा. को. /---/--- अभिधान राजेन्द्र कोष / भाग क्रमांक / पृष्ठ क्रमांक। आ. ख्या. आत्मख्याति व्याख्या। आचारांग / ---/---/---/--- श्रुतस्कन्ध क्रमांक/अध्ययन क्रमांक/ उद्देशक क्रमांक । सूत्र क्रमांक। आव. चू./ उपो. निर्यु. / आव. सू./ आवश्यकचूर्णि / उपोद्घातनियुक्ति । आवश्यकसूत्र । पू. भा. पूर्वभाग। आव. नियुक्ति आवश्यकनियुक्ति आ. वृ./मूला. आचारवृत्ति / मूलाचार। आदि पु./---/--- आदिपुराण / पर्व क्रमांक / श्लोक क्रमांक। आतुरप्रत्या. आतुरप्रत्याख्यान। आ. मी. आप्तमीमांसा। आव.सू./---/--- आवश्यकसूत्र / आवश्यक क्रमांक / सूत्र क्रमांक। इ. न. श्रुता. इन्द्रनन्दिकृत श्रुतावतार। इण्डि. ऐण्टि. दि इण्डियन ऐण्टिक्वेरी। इष्टो.. इष्टोपदेश । ईशाद्यष्टो. ईशाद्यष्टोत्तरशतोपनिषद्। उत्त. सू./---/--- उत्तराध्ययनसूत्र / अध्ययन क्रमांक / गाथा क्रमांक। ऋग्वेद /---/---/--- मंडल क्रमांक/ सूक्त क्रमांक / ऋचा-क्रमांक। Jain Education Interational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004043
Book TitleJain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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