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अन्तस्तत्त्व
[तेईस] २.२. अन्य बहिरंग तथ्य
७२८ तृतीय प्रकरण-प्रतिपक्षी हेतुओं की असत्यता एवं हेत्वाभासता ७३०
१. श्वेताम्बर-यापनीय स्थविरावलियों में गुणधर का नाम नहीं ७३० २. श्वेताम्बर-यापनीय साहित्य में गुणधर का नाम अनुपलब्ध ३. 'गुणधर' के स्थान में 'गणधर' की कल्पना अप्रामाणिक
७३३ ४. श्वेताम्बर आर्यमंगु-नागहस्ती का कसायपाहुड से सम्बन्ध असंभव ७३५ ५. यतिवृषभ का नाम यापनीय-आचार्यों की नामावाली में नहीं ७४१ ६. यतिवृषभ यापनीयमत-विरोधी 'तिलोयपण्णत्ती' के कर्ता ७. दिगम्बरमुनियों के भी नाम में 'यति' शब्द
७४३ ८. अर्धमागधी प्रति के अभाव में शौरसेनीकरण असंभव
७४३ ९. श्वेताम्बरपरम्परा में अर्धमागधी-कसायपाहुड का अभाव १०. सित्तरीचूर्णि-निर्दिष्ट कसायपाहुड गुणधरकृत
७४७ ११. कसायपाहुड पर श्वेताम्बरीय टीका नहीं
७५२ १२. स्त्रीमुक्ति-समर्थन का मत असत्य
७५३ १३. आचार्य-मतभेद परम्पराभेद का प्रमाण नहीं १४. 'वाचक' पद का सम्बन्ध किसी परम्परा से नहीं १५. मोहनीय के ५२ नाम एकान्त-अचेलमार्गी-मूलसंघ की विरासत ७५८ १६. अपना पूर्वमत स्वयं के द्वारा ही मिथ्या घोषित
७६० चतुर्थ प्रकरण-कसायपाहुड श्वेताम्बरग्रन्थ नहीं - लेख–कषायप्राभृत दिगम्बर आचार्यों की ही कृति है'
लेखक : सिद्धान्ताचार्य पं० फूलचन्द्र जी शास्त्री - शब्दविशेष-सूची - प्रयुक्त ग्रन्थों एवं शोधपत्रिकाओं की सूची
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