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अन्तस्तत्त्व
३.४. द्वि० श० ई० की तिलोयपण्णत्ती में मूलाचार का उल्लेख ३.५. मूलाचार में श्वेताम्बर ग्रन्थों की गाथाएँ नहीं ३.६. मूलाचार में कुन्दकुन्द की गाथाओं के उदाहरण ३.७. मूलाचार में कुन्दकुन्द की शैली का अनुकरण ४. द्वि० श० ई० के तत्त्वार्थसूत्र में कुन्दकुन्द के वाक्यांश ४.१. तत्त्वार्थसूत्र का रचनाकाल
४.२. कुन्दकुन्द के वाक्यांशों की संस्कृत - छाया
४.३. कुन्दकुन्द के द्वारा तत्त्वार्थसूत्र का अनुकरण नहीं ४. ४. उमास्वाति कुन्दकुन्दान्वय के आचार्य
५. द्वि० श० ई० की तिलोयपण्णत्ती में कुन्दकुन्द की गाथाएँ
५ . १ . तिलोयपण्णत्ती का रचनाकाल
५. २. तिलोयपण्णत्ती में कुन्दकुन्द की गाथाओं के उदाहरण ५.३. तिलोयपण्णत्ती की गाथाएँ कुन्दकुन्द के ग्रन्थों में नहीं ६. ५वीं श० ई० की सर्वार्थसिद्धि में कुन्दकुन्द की गाथाएँ उद्धृत ६.१. सर्वार्थसिद्धि का रचनाकाल
६.२. सर्वार्थसिद्धि में कुन्दकुन्द की गाथाओं के उदाहरण
६.३. समाधितन्त्र- इष्टोपदेश में कुन्दकुन्द की गाथाओं का
संस्कृतीकरण
६.४. कुन्दकुन्द के ग्रन्थों में पूज्यपाद के ग्रन्थों की सामग्री नहीं
७. ६वीं श० ई० के परमात्मप्रकाश में कुन्दकुन्द का अनुकरण ७.१. निश्चय - व्यवहारनयों से आत्मादि का प्ररूपण
७.२. निश्चयनय से आत्मा के वर्णरागादि-रहितत्व का प्रतिपादन ७.३. निश्चयनय से आत्मा के कर्म - अकर्तृत्व का प्रतिपादन ७. ४. निश्चयनय से सुख-दुःख के कर्मकृत होने का प्रतिपादन
७.५. शुभ, अशुभ, शुद्ध भाव का प्ररूपण
७.६. आत्मा के बहिरात्मादि - भेदत्रय का निरूपण
७. ७. कुन्दकुन्द की गाथाओं का अपभ्रंशीकरण
८. ७वीं श० ई० के वरांगचरित में कुन्दकुन्द की गाथाओं का
संस्कृतीकरण
९.
८वीं श० ई० की विजयोदयाटीका में कुन्दकुन्द की गाथाएँ
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