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प्रस्तावना
१०. टीकान्तर्गत न्याय और लोकोक्ति आदिकी सूची। ११. टीकाके विशिष्ट शब्द ।
१२. ग्रन्थसङ्केत विवरण । टाइप योजना
ग्रन्थके मुद्रणमें मूल श्लोकों को ग्रेट नं० १ टाइपमें स्ववृत्तिको ग्रेट नं० २ टाइपमें, टीकाको ग्रेट नं० ४ टाइपमें और टिप्पणीको पाइका नाटा टाइपमें मुद्रित कराया है । अवतरणवाक्य ग्रेट नं०२ में * यह चिह्न देकर " " डबल इनवर्टेड कामाके साथ मुद्रित किये गये हैं। सामान्यतया प्रतिमें जो नया जोड़ा है वह [ ] इस चतुष्कोण ब्रेकिटमें और जो किसी के स्थानमें सुझाया गया है वह ( ) इस गोल ब्रेकिटमें सुझाया. है । मूलप्रतिमें सिवाय ।' इस खड़ी पाईके और कोई भेदक चिह्न कहीं नहीं है; किन्तु हमने इसमें यथास्थान , ? ! " " ' आदि सभी चिह्नोंका उपयोग किया है। पाठकी स्पष्ट ताके लिये हमने कहीं कहीं पदोंकी सन्धियाँ पृथक् कर दी हैं । पञ्चमाक्षरमें जहाँ एक पदमें नित्य पञ्चमाक्षर चाहिए वहीं पञ्चमाक्षर रखा है बाकी सर्वत्र अनुस्वारका ही प्रयोग किया है । टीकामें मूल श्लोकोंके शब्दोंको श्लोकके टाइप ग्रेट नं०१ में तथा वृत्तिके शब्दोंको वृत्तिके टाइप ग्रेट नं०२ में ही रखा है । अवतरणवाक्य यद्यपि ग्रेट नं०२ टाइप में हैं पर उन्हें * इस तारक चिह्न ओर डबल इनवर्टेड कामासे विभक्त कर दिया है।
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