SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 36
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International तालिका क्रमांक-३ (सर्व) देवसूरि अध्याय-३ जयसिंहसूरि यशोभद्रसूरि नेमिचन्द्रसूरि उपा०विजयचन्द्र ३अन्य शिष्य श्रीचन्द्रसूरि (शान्तिसूरि को आचार्य पद देनेवाले) धनेश्वरसूरि (शान्तिसूरि को । विद्याध्ययन कराने वाले, चैत्रगच्छ के प्रवर्तक) For Personal & Private Use Only चन्द्रप्रभसूरि मुनिचन्द्रसूरि शान्तिसूरि (वि० सं० ११४९ (बृहद्गच्छीय) (वि०सं० ११६१ में में पूर्णिमागच्छ । पुहवीचंदचरिय के के प्रवर्तक) कर्ता एवं पिप्पलगच्छ के आदिपुरुष) भुवनचन्द्रसूरि मुनिचन्द्रमुनि (नेमिचन्द्रसूरि द्वारा आचार्य पद प्राप्त, शान्तिसूरि से पुहवीचंदचरिय की रचना की प्रार्थना करने वाले) देवभद्रगणि जगच्चन्द्रसूरि (वि० सं० १२८५ में तपागच्छ के प्रवर्तक) - - - पूर्णिमागच्छ - - - - - - बृद्गच्छ ---- - - - पिप्पलगच्छ चैत्रगच्छ---- र विजयचन्द्रसूरि । (तपागच्छ-बृहद्पौशालिक शाखा के आदिपुरुष) देवेन्द्रसूरि (तपागच्छ-लघुपौशालिक शाखा के आदिपुरुष) २७ www.jainelibrary.org
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy