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(११८) पार्श्वनाथ- पंचतीर्थी :
सं० १४३६ वैशाख सुदि १३ सोमे श्रीनाहरगोत्रे सा० श्रीराजा पुत्रेण सा० ---पार्श्व बिं०का०प्र० बृहद्गच्छे श्रीमुनिशेखरसूरि पट्टे श्रीतिलकसूर
भीमसिंहेन सा०शिष्यैः श्रीभद्रेश्वरसूरिभिः ॥
(११९) पद्मप्रभ - पंचतीर्थी :
संवत् १४४० वर्षे माघ सुदि ४ भौमे श्रीबृहद्गच्छे ऊकेश ज्ञा०सा० तिहुण पु० पद्मसी -- पूना भा० हररिवणि पु० चापा केन पितृ पितामह श्रेयोर्थं श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्र० श्रीसागरचन्द्रसूरिभिः ॥
रत्नना
(१२० ) शिलालेख
(१) ओं ॥ स्वस्ति श्रीनृपविक्रमसम
(२)
यातीत सं (१) ४४३ वर्षे कार्त्ति
(३)
क वदि १४ शुक्रे श्रीनडूलाई -
(४)
नगरे चाहुमानान्वय महाराजाधिराजश्रीवणवीरदे
(५)
(६)
(७)
(८)
(९) पम श्रीमानतुंगसूरिवंशोद्भ (व)
(१०) श्रीधर्म्मचंद्रसूरिपट्टलक्ष्मी श्र
(११) वणोउणोत्पलायमानैः श्रीविन
(१२) यचंद्रसूरिभि रन ल्पगुणमाणि -
वसुतराजश्री(र)णवीरदेववि
जयराज्ये अ (त्रस्थ) स्वच्छ श्रीमद (द्) बृहद्ग(च्छ) नभस्तलदिनकरो
बृहद्गच्छ का इतिहास
११८. नमिनाथ का मंदिर, लक्ष्मीनारायण पार्क, बीकानेर, वही, लेखांक ११९७.
११९. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, १२०. नेमिनाथ मंदिर, नाडलाइ प्रा० जै० ले०सं०, भाग २, लेखांक ८५८.
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बी०जै० ले० सं०, लेखांक ५४३.
लेखांक ३३५, जै० ले०सं०, भाग १,
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