________________
बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय
२३५ (११२) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थी :
संवत् १४२५ वर्षे वैशाख सांख्ला ११ सौमे उपकेशज्ञातीय श्रे० मदन भा० पाथलदे पुत्र देपाल भा० देल्हणदे सुत मेघाकेन श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च बृहद्गच्छे नाथ माल्य श्रीबदरिसेणसूरिभिः ॥ (११३) तीर्थङ्कर-पंचतीर्थी :
सं० १४३० माहवदि २ सोमे --------- ज --------- नावलपु० -------- - भ्रातृधारणापुर्व्यार्थं पंचतीर्थी का०प्र० श्रीधनदेवसूरिभिः बृहद्गच्छे ॥ (११४) चन्द्रप्रभ-पंचतीर्थी :
सं० १४३२ वर्षे फागुण सुदि ३ शुक्रे ओसवाल ज्ञा० श्रे० भाहा भार्या तेजलदे सुत पदमसी सांगा तेषां श्रेसये सुतदेवसहितेन श्रीचन्द्रप्रभबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे सैद्धान्तिकश्रीनाणचंद्रसूरिपट्टे श्रीअक्षतचंद्रसूरिभिः ॥ (११५) विमलनाथ-पंचतीर्थी : ___ सं० १४३३ वैशाख सुदि ६ शनौ श्रीबृहद्गच्छे उपकेशज्ञा० व्य० षीमा भा० कमणि सु तेजसीषेतसीहयोर्निमित्तं भ्रा० पूना तेन श्रीविमलनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीनरदेवसूरिभिः ॥ (११६) संभवनाथ-पंचतीर्थी :
सं० १४३४ व० वैशाख वदि २ बुधे ऊकेश ज्ञा० श्रेष्ठि तिहुणा पु० मामट भा० मुक्ती पु० जाणा सहितेन पित्रो श्रेयसे श्रीसंभव वि०का०प्र० श्रीबृहद्गच्छीय श्रीमहेन्द्रसूरि पट्टे श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः ॥ (११७) संभवनाथ-पंचतीर्थी :
सं० १४३४ व० वैशाख वदि २ बुधे प्राग्वाट ज्ञा०दो० झाँझा भार्या हीमादे पु० थेराकेन पितृ भ्रातृ श्रेयो० श्रीसंभवनाथ पंचतीर्थी का०प्र० श्रीबृहद्गच्छीय श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे श्रीकमलचन्द्रसूरिभिः ॥ ११२. पुरातत्त्व संग्रहालय, सिरोही, अ०प-जै० घा०प्र०, पृष्ठ ५४, लेखांक २१. ११३. आदिनाथजिनालय, मांडवीपोल, खंभात, जै०धा०प्र०ले०सं०, भाग २, लेखांक ६२४. ११४. शांतिनाथ जी का मंदिर, कनासा पाडो, पाटण, वही, भाग १, लेखांक ३२१. ११५. चन्द्रप्रभ स्वामी का मंदिर, जैसलमेर, जै०ले०सं०, भाग-३ लेखांक २२७५. ११६. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, वही, लेखांक ५०९. ११७. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, वही, लेखांक ५१०.
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org