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________________ बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय २३७ (१३) क्यरत्नाकरस्य यदुवंशशृंगा(१४) रहारस्य श्रीनेमीश्वरस्य निरा(१५) कृतजगद(द्)विषाद; प्रसाद(दः) स-' (१६) मृद्दधे (धे) आचंद्रार्क नंदतात(त्) ॥ श्री ॥ (१२१) शांतिनाथ-पंचतीर्थी : संवत् १४४५ वर्षे ज्येष्ठ वदि १२ शुक्रे उपकेश ज्ञा०श्रे० कालू भार्या भोली पुत्र नींवाकेन पितृ मातृ श्रेयोर्थं श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छे श्रीधर्मदेवसूरिभिः ॥ (१२२) मुनिसुव्रत-पंचतीर्थी : सं० १४४५ फा० वदि १० र० श्रीबृहद्गच्छे श्री (प्रा० )ग्वटज्ञातीय श्रीरत्नाकरसूरिणा भार्या साऊ सुत धीणकेन भ्रातृधारानिमित्तं श्रीमुनिसुव्रतस्वामिबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं वडगच्छा आचार्येन ॥ (१२३) शांतिनाथ-पंचतीर्थी : ॥ संवत् १४४५ वर्षे फागुण सुदि ९ सोमे उपकेश ज्ञा० हींगड़ गोत्रे सा० पाहट भा० पाल्हणदे पुत्र गोविंद ऊदाभ्यां मिलित्वा पितृत्थ मटकू निमित्तं श्रीशांतिनाथ बिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे श्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे प्रतिष्ठितं श्रीपूर्णचन्द्रसूरिभिः ॥ (१२४) सुमतिनाथ-पंचतीर्थी : सं० १४४९ वर्षे वैशाख सुदि ६ शुक्रे उसवा० ज्ञा० व्यव० छाहड़ भा० चाहिणदेपुत्र आनु भा० झनू पुत्र वियरसी श्रेयोर्थं श्रीसुमतिनाथ बिंबं का०प्र० श्रीबृह० श्रीअभयदेवसूरिभिः श्रीअमरचंद्रसूरि सं ---------- १२१. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै०ले०सं०, लेखांक ५४८. १२२. चन्द्रप्रभ स्वामी का मंदिर, जैसलमेर, जै०ले०सं०, भाग ३, लेखांक २२७९. १२३. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै० ले०सं०, लेखांक ५५२. १२४. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, वही, लेखांक ५५५. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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