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________________ बृहद्गच्छ का इतिहास सोमदेवसूरि के पट्टधर धनचन्द्रसूरि इनके द्वारा प्रतिष्ठापित पार्श्वनाथ की धातु की एक प्रतिमा प्राप्त हुईहै। इस पर वि०सं० १४६३ का लेख उत्तकीर्ण है। श्री पूरनचन्द्र नाहर१७ ने इसकी वाचना दी है, जो निम्नानुसारहैः २०६ सं० १४६३ वर्षे आषाढ सुदि १० बुधे प्रा०ज्ञा० व्य ० हेमा० भा० हीरादे पु० अजाकेन श्रेयसे श्रीपार्श्वनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं मडाहडगच्छे श्रीसोमदेवसूरिपट्टे श्रीधनचन्द्रसूरिभिः । धनचन्द्रसूरि के पट्टधर धर्मचन्द्रसूरि इनके द्वारा प्रतिष्ठापित ६ प्रतिमायें मिलती हैं। इनका विवरण निम्नानुसारहैः वि०सं० १४८० वि०सं० १४८५ वि०सं० १४९३ माघ वदि २ बुधवार वि०सं० १५०१ ज्येष्ठ सुदि १० रविवार फाल्गुन वदि ३ बुधवार वि०सं० १५०७ वि०सं० १५१० मार्ग ? सुदि १० रविवार फाल्गुन सुदि १०, बुधवार प्राचीनलेखसंग्रह वैशाख सुदि ३ प्रतिष्ठालेखसंग्रह, भाग १, बीकानेरजैनलेखसंग्रह प्रतिष्ठालेखसंग्रह, भाग १, बीकानेरजैनलेखसंग्रह प्राचीन लेखसंग्रह धर्मचन्द्रसूरि के पट्टधर कमलचन्द्रसूरि इनके द्वारा प्रतिष्ठापित ३ प्रतिमायें उपलब्ध हुई हैं। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है : Jain Education International लेखांक १०८१ वि०सं० १५३४ ज्येष्ठ सुदि १० सोमवार वही लेखांक १०९१ वि०सं० १५३५ आषाढ़ सुदि ५ गुरुवार वि०सं० १५४५ माघ सुदि २ गुरुवार वही लेखांक २४१३ वि०सं० १५५७ के एक प्रतिमालेख में इस शाखा के गुणचन्द्रसूरि एवं उपाध्याय आनन्दसूरि का उल्लेख मिलता है। १८ रत्नपुरीयशाखा का उल्लेख करने वाला यह अन्तिम साक्ष्य है। लेखांक १२४ लेखांक २५३ लेखांक ७६८ लेखांक ३३९ लेखांक ९२० लेखांक २५६ बीकानेरजैनलेखसंग्रह रत्नपुरीयशाखा के उक्त प्रतिमालेखों में प्रथम (वि०सं० १३५०) और द्वितीय (वि०सं० १४६३) लेख में सोमदेवसूरि का उल्लेख मिलता है। प्रथम लेख में वे प्रतिमाप्रतिष्ठापक हैं तथा द्वितीय लेख में प्रतिमाप्रतिष्ठापक आचार्य के सोमदेवसूरि के बीच प्रायः १०० से अधिक वर्षों का अन्तराल है। अतः इस आधार पर दोनों अलग-अलग व्यक्ति सिद्ध होते हैं। यहाँ यह भी विचारणीय है कि इन सौ गुरु । किन्तु दोनों For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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