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________________ २०१ अभिलेखीय साक्ष्य इस गच्छ से सम्बद्ध ७८ प्रतिमालेख प्राप्त हुए हैं जो वि०सं० १२८७ से लेकर वि०सं० १७८७ तक के हैं४ । अध्याय-७ उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर इस गच्छ के विभिन्न मुनिजनों के नामों का पता चलता है, किन्तु उसके आधार पर उनके गुरु-शिष्य परम्परा की कोई विस्तृत तालिका की संरचना कर पाना तो सम्भव नहीं है। फिर भी कुछ मुनिजनों की गुरुपरम्परा की छोटी-छोटी गुर्वावलियों की संरचना की जा सकती है, जो इस प्रकार है - चक्रेश्वरसूरि चक्रेश्वरसूरि 1 पद्मचन्द्रसूरि I जयचन्द्रसूरि — ? 1 मानदेवसूरि I यशोदेवसूरि I शांतिसूरि (वि०सं० १३७० - ८७ प्रतिमालेख) जयसिंहसूर I सोमप्रभसूरि Jain Education International 1 वर्धमानसू (वि०सं० १३३५ प्रतिमालेख ) I सोमचन्द्रसूरि (वि०सं०१४३७ - ५९ प्रतिमालेख) I ज्ञानचन्द्रसूरि (वि०सं० १४९३ प्रतिमालेख) ? I हरिभद्रसूरि साहित्यिक साक्ष्य मडाहडगच्छ से सम्बद्ध प्रथम साहित्यिक साक्ष्य है कालिकाचार्यकथा की ९ श्लोकों की दाताप्रशस्ति'। यह प्रति श्री अगरचन्द नाहटा के संग्रह में संरक्षित है। इस प्रशस्ति For Personal & Private Use Only कमलप्रभसू (वि० सं०१५२० प्रतिमालेख) www.jainelibrary.org
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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