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अध्याय-७
१८१
जयप्रभसूरि
भुवनप्रभसूरि
कमलप्रभसूरि
पुण्यप्रभसूरि
विद्याप्रभसूरि
ललितप्रभसूरि
विनयप्रभसूरि
महिमाप्रभसूरि
भावप्रभसूरि पूर्णिमापक्षीय प्रधानशाखा के मुनिजनों के उपदेश से प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमायें भी प्राप्त हुई हैं जो वि०सं० १५१२ से वि०सं० १७६८ तक की हैं। इनका विवरण इस प्रकार है : जयसिंहसूरि के पट्टधर जयप्रभसूरि
इनके उपदेश से प्रतिष्ठापित ९ प्रतिमायें मिली हैं। इनका विवरण इस प्रकार है :वि०सं० १५१२ माघ सुदि ५ सोमवार जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग-२, सम्पा०
बुद्धिसागरसूरि, लेखांक ९६३. वि०सं० १५१९ कार्तिक वदि ५ शुक्रवार वही, लेखांक ७४३. वि० सं० १५१९ कार्तिक वदि ५ शुक्रवार प्राचीनलेखसंग्रह, संग्राहक विजयधर्मसूरि,
लेखांक ३२९.
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