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बृहद्गच्छ का इतिहास श्री मोहनलाल दलीचन्द देसाई ने पूर्णिमागच्छ और उसकी कुछ शाखाओं की पट्टावली दी है। इनमें पूर्णिमागच्छ की प्रधानशाखा अपरनाम ढंढेरियाशाखा की भी एक पट्टावली है, १ जिसमें उल्लिखित इस शाखा की गुरु-परम्परा इस प्रकार है :
चन्द्रप्रभसूर (पूर्णिमागच्छ के प्रवर्तक)
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धर्मघोषसूरि
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समुद्रघोषसूरि
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सुरप्रभसूरि (पूर्णिमापक्षीय प्रधानशाखा के प्रवर्तक)
जिनेश्वरसूरि
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भद्रप्रभसूर
1
पुरुषोत्तमसूर
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देवतिलकसूरि
1
रत्नप्रभसूर
1
तिलकप्रभसूर
1
ललितप्रभसूर
1
हरिप्रभसूरि
1
जयसिंहसूर
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