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अध्याय-७
गुरुवार
सोमवार
गुरुभ्राता मुनिलाल
पृ० ९६. संवत् । तिथि/मिति ग्रन्थ का नाम मल प्रशस्ति प्रशस्तिगत आचार्य | प्रतिलिपिकार
सन्दर्भ ग्रन्थ | प्रतिलेखन प्रशस्ति | मुनि का नाम १७९२ | पौष वदि २ | कल्पसूत्रअन्तरवाच्य मूल प्रशस्ति । भावप्रभसूरि एवं उनके | भावप्रभसूरि वही, क्रमांक ६६२, शनिवार
शिष्य भावरत्न
पृ० ५४. ५२. १७९३ | माघ सुदि ७ प्रतिमाशतकलघुवृत्ति | मूल प्रशस्ति भावप्रभसूरि
पूर्वोक्त, क्रमांक ३२६३,
पृ० १८०-१८१. १७९५ | तिथिविहीन धातुपाठविवरण | प्रतिलेखनप्रशस्ति | भावप्रभसूरि के पट्टधर | भावरत्नसूरि | वही, क्रमांक ६००९,
भावरत्नसूरि
पृ० ३८७. ५४. १७९५ | भाद्रपद वदि १३| महावीरस्तोत्रवृत्ति | मूल प्रशस्ति | भावप्रभसूरि
वही, क्रमांक १७५९, गुरुवार
पृ० १००. १७९८ | तिथिविहीन | मुद्रितकुमुदचन्द्र प्रतिलेखनप्रशस्ति | महिमाप्रभसूरि के भावप्रभसूरि वही, क्रमांक ५१९६, .
पट्टधर भावप्रभसूरि
पृ० ३३७-३३८.
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