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बृहद्गच्छ का इतिहास
रत्नप्रभसूरि
हेमतिलकसूरि
हेमरत्नसूरि
हेमप्रभसूरि
रत्नशेखरसूरि
रत्नसागरसूरि
गुणसागरसूरि
गुणसमुद्रसूरि
सुमतिप्रभसूरि
पुण्यरत्नसूरि
सुमतिरत्नसूरि
उदयसमुद्रसूरि (वि०सं० १५८०/ई० सन् १५२४ में
__पूर्णिमागच्छगुर्वावली के रचनाकार) । पूर्णिमागच्छीय रचनाकारों की पूर्वोक्त कृतियों की प्रशस्तियों से उपलब्ध छोटीबड़ी गुर्वावलियों के आधार पर इस गच्छ के मुनिजनों की गुरु-परम्परा की एक विस्तृत तालिका की संरचना की जा सकती है, जो इस प्रकार है :
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