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अध्याय-७
१४९
धर्मप्रभसूरि (वि०सं० १४७१-१४७६) प्रतिमालेख
धर्मशेखरसूरि (वि०सं०१४८४-१५०५) प्रतिमालेख
देवचन्द्रसूरि (वि०सं० १४८७)
प्रतिमालेख
धर्मसुन्दरसूरि (वि०सं० १५११)
प्रतिमालेख
धर्मसूरि (वि०सं० १५२०)
प्रतिमालेख
धर्मसागरसूरि (वि०सं० १४८४-१५३५) प्रतिमालेख
धर्मप्रभसूरि (वि०सं० १५६१) प्रतिमालेख पिप्पलगच्छीय अभिलेखीय साक्ष्यों की सूची में किन्हीं धर्मशेखरसरि (वि०सं० १४८४-१५०५) का नाम आ चुका है१५ जिन्हें समसामयिकता और नामसाम्य के आधार पर त्रिभवीयाशाखा के धर्मशेखरसूरि से अभिन्न माना जा सकता है यही बात उक्त सूची में ही उल्लिखित धर्मशेखरसूरि के शिष्य विजयदेवसूरि और प्रशिष्य शालिभद्रसूरि के बारे में भी कही जा सकती है। इस प्रकार त्रिभवीयाशाखा के मुनिजनों के गुरु-परम्परा की तालिका को जो नवीन स्वरूप प्राप्त होता है, वह इस प्रकार है
धर्मप्रभसूरि (वि०सं० १४७१-१४७६) प्रतिमालेख
धर्मशेखरसूरि (वि०सं० १४८२-१५०५) प्रतिमालेख
देवचन्द्रसूरि विजयदेवसूरि धर्मसुन्दरसूरि (वि०सं०१४८७) (वि०सं० १५०३-१५३०) (वि०सं०१५११)
प्रतिमालेख प्रतिमालेख प्रतिमालेख
धर्मसूरि — (वि०सं०१५२०)
प्रतिमालेख
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