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अध्याय- १
जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १ - २, सम्पा० ज्ञान प्रचारक मण्डल, पादरा १९२४ ई०.
अर्बुदप्राचीन जैनलेखसंदोह, (आबू भाग २), सम्पा० मुनि जयन्तविजय, विजयधर्मसूरि ज्ञान मन्दिर, उज्जैन वि०सं० १९९४.
अर्बुदाचलप्रदक्षिणाजैनलेखसंदोह, ( आबू - भाग ५), सम्पा० यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर वि०सं० २००५.
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आचार्य बुद्धिसागरसूरि, श्री अध्यात्म
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जैनधातुप्रतिमालेख, सम्पा० मुनि कान्तिसागर, श्री जिनदत्तसूरि ज्ञानभण्डार, सूरत १९५० ई०.
प्रतिष्ठालेखसंग्रह, सम्पा० महोपाध्याय विनयसागर, भाग १, कोटा १९५३ ई०, भाग २, जयपुर २००३ ई०.
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बीकानेर जैनलेखसंग्रह, सम्पा० श्री अगरचन्द नाहटा एवं श्री भँवरलाल नाहटा, नाहटा ब्रदर्स, ४ जगमोहन मल्लिक लेन, कलकत्ता १९५५ ई० बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख, सम्पा० चम्पालाल सालेचा, बाड़मेर १९८७ ई०.
नाकोड़ा पार्श्वनाथतीर्थ, लेखक महो० विनयसागर, जयपुर १९८८ ई०. श्रीप्रतिमालेखसंग्रह, सम्पा० श्री दौलत सिंह लोढा 'अरविन्द', धामणिया, मेवाड़, १९५५ ई०.
शत्रुंजयगिरिराजदर्शन, सम्पा० मुनि कंचनसागर, कपडवंज १९८३ ई०. शत्रुंजयवैभव, सम्पा० मुनि कान्तिसागर, कुशल संस्थान, पुष्प ४, जयपुर १९९० ई०.
Jain Image Inscriptions of Ahmedabad, Ed. Praveen Chandra Parekha & Bharti Shelet, Ahmedabad 1997 A.D. मालवांचल के जैनलेख, सम्पा० नन्दलाल लोढ़ा, उज्जैन १९९५ ई०. अर्बुदपरिमण्डल की जैन धातु प्रतिमायें एवं मन्दिरावलि, सम्पा० सोहनलाल पटनी, सिरोही २००२ ई०.
पाटणजैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, संपा० लक्ष्मणभाई भोजक, दिल्ली २००२ ई०.
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मुनि जयन्तविजय,
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