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अध्याय - ६ बृहदगच्छीय मुनिजनों का साहित्यावदान
बृहदगच्छ में समय-समय पर विभिन्न प्रभावक और विद्वान् आचार्य हुए हैं, जिन्होंने प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश और मरु-गूर्जर भाषा में विभिन्न छोटे-बड़े ग्रन्थों की रचनायें की हैं । प्रस्तुत अध्याय में इनकी सूची दी गयी है । यह दो प्रकार से प्रस्तुत की गयी है । प्रथम तो रचनाकारों के अकारादिक्रम से और दूसरी रचनाओं के अकारादिक्रम से । प्रत्येक सूची में रचनाकार का नाम, उनके गुरु का नाम, कृति का नाम, रचना की भाषा, रचनाकाल और संदर्भग्रन्थ की तालिका दी गयी है । इनका विवरण इस प्रकार है :
रचनाकारों के अकारादिक्रमानुसार तालिका आग्रदेवसूरि (जिनचन्द्रसूरि के शिष्य) आख्यानकमणिकोशवृत्ति (प्राकृत) वि०सं०
११९१, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी द्वारा मूल ग्रन्थ के साथ १९६२ ई०
में प्रकाशित. जयमंगलसूरि (रामचन्द्रसूरि के शिष्य) कविशिक्षा (प्राकृत), महावीरजन्माभिषेककाव्य
(अपभ्रंश) वि० सं० १३१०, गुजरातीसाहित्यकोश, पृष्ठ ११२. भट्टिकाव्य पर वृत्ति (संस्कृत), वि० सं० १४वीं शताब्दी का प्रथमचरण,
H.R. Kapadia, Descriptive Catalogue of the Government collection of Manuscripts Library, Vol XVII, Part IV, Poona 1948, pp.216-217.
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