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उपनिषद सर्वसार उपनिषद
कैवल्य उपनिषद अध्यात्म उपनिषद
कठोपनिषद
ईशावास्य उपनिषद
निर्वाण उपनिषद
आत्म पूजा उपनिषद केनोपनिषद
ओशो का हिंदी साहित्य
कृष्ण
गीता-दर्शन (आठ भागों में अठारह अध्याय) कृष्ण-स्मृति
बुद्ध
एस धम्मो सनंतनो (बारह भागों में)
अष्टावक्र
अष्टावक्र महागीता (नौ भागों में)
महावीर
महावीर वाणी (दो भागों में)
जिन - सूत्र ( दो भागों में) महावीर या महाविनाश
महावीर : मेरी दृष्टि में ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया
लाओत्से
ताओ उपनिषद (छह भागों में)
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कबीर
सुनो भई साध सुनो भई साधो
कस्तूरी कुंडल बसै
कहै कबीर दीवाना
कहै कबीर दीवाना
मेरा मुझमें कुछ नहीं
कहै कबीर मैं पूरा पाया गूंगे केसरकरा
कहै कबीर मैं पूरा पाया न कानों सुना न आंखों देखा
होनी होय सो होय (कबीर)
अकथ कहानी प्रेम की (फरीद)
मीरा
मैंने राम रतन धन पायो
झुक आई बदरिया सावन की
च्वांगत्सु
संसार और मार्ग
सत्य असत्य
जगजीवन
नाम सुमिर मन बावरे
अ, मैं तो नाम के रंग छकी
दरिया
कानों सुनी सो झूठ सब
अमी झरत बिगसत कंवल
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