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________________ (५२) । त्रीजी विभक्ति : सिङ वायस सिउं (९६), पाहाण-सिंङ (४२६), केतकि सिउं ( १७२२ ), सारथवाह सिउ (१९३१) [पुलिंग]. स्तन सिउँ (४२६), हैया सिउँ (५५९), जल सिउँ (१४६५) [नपु.] नारि सिउं (६०८), अबला सिउं (१९७५), परनारी सिउँ (२०८६) [स्त्रीलिंग]. स्युं स्यू सागर स्यु (१६७), पियु स्यु (१३५७). [पुलिंग] मनस्यु (३९६), मनइस्यूं ( २०८) तलाई स्यू (१९५) (नपु०].. करी नांध : आ खरा स्वरुपमा नामयोगी नथी, परंतु मात्र वळगण छे अने मात्र वधु भार बताववा त्रीजीना नामो पछी उमेरवामां आवे छे. गुणे करी (५१७), भेटि करी (१३८६), सुणी करी (२०५८). साथ/साथ मन साथि (३६२), वनिता साथइ (१९०४), लक्ष्मण साथि (१८६). चोथी विभक्ति: नई गृहनायक नइ (२३९), भूपति नइ (१३१२), सारथपति नइ (१४४८) [पुलिंग] झांझर नई (५७३), आभरण नई (२०७०), पंखी नई (२१८) [नपुं०] ऋषिदत्ता नई (१९०), नलीनी नई (८११), साध्वी नई (२३७६) स्त्रिीलिंग] प्रति राथ प्रति (१९१०), अजितसेन प्रति (२१५५) [पुलिंग] वहु प्रतिई (१६८), शीलवती प्रति [स्त्रीलिंग माटि/माटइ/माटिई गुण माटि (२५०), स्त्री माटई (६३८), गुणवंत माटिइ (१४७०). भणी/भणइ बरपाटण भणी (३१६), मंदिर भणी (२२५९), शीलवती भणइ (६९६) सारथपति भणइ (१८५७). कन्ह/कन्हई तुझ कन्हइ (७०८), तुज क्न्हइ (१६५७), तुज कन्हई (१७७६) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004029
Book TitleShrungarmanjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai V Sheth
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages308
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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